में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना ! में उसके गम में शरीक हूँ पर मेरा गम न उसे बता देना, जिन्दगी कागज की किश्ती सही, शक में न बहा देना !
मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला …… हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला ………….. लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से …… और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला
देख कर उसको अक्सर हमे एहसास होता है,
कभी कभी गम देने वाला भी बहुत ख़ास होता है,
ये और बात है वो हर पल नही होता हमारे पास,
मगर उसका दिया गम अक्सर हमारे पास होता है…!